Friday 14 July 2017

नए रस्ते पर।

जो व्यक्ति नया रास्ता बनाता है । वही नयी मंजिल पाता है  जो लोग पुरानी चीजो रीतियों विचारो से बंधे रहते है उन्हें मौलिक काम से डर लगता है ।परंपरा रीती रिवाज वही तक सार्थक है जहा तक वे सफलता की प्रेरणा देते है । परंपरा जब गले की फांस और कार्य की रुकावट बन जाये तो बेहतर है की उसमे मौलिकता लाई जाये।  व्यक्ति की सफलता उसके व्यक्त्तिव  और मौलिक विचारो का प्रतिफल होती है । आधुनिक जीवन की सुख सुविधाये और ऐश्वर्य उन्ही व्यक्तियों के दिमाग की विलक्षण का परिणाम है, जिन्होंने पुराने ढंग को त्याग दिया है।

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