वह दिनभर विचारों और सपनो में खोये रहते है हम रोज न जाने कितने सपने देखते है। लेकिन उन सपनो को जमीन पर लाने के लिए कभी कभी कुछ भी नहीं करते है। हम खुद से यह भी नहीं पूछते की जो लछ्य किसी मिशन के तहत बनाये गए है। उनकी यतार्थ स्थिति क्या है? वर्तमान में यथार्थ पर हमारी नजर ही नहीं जाती है । इसलिए हम कभी यथार्थ को स्वीकर नहीं कर पाते। जिसके कारण हम असफल हो जाते है। जिससे बहुत सारी समस्याओं को हम बढ़ाते जाते है। इन परेशानियो की वजह हम अक्सर दुसरो को मानकर खुद को संतुष्ट कर लेते है या फिर नई समस्या कड़ी कर लेते है।
Monday 10 July 2017
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
हमे हर दिन चिंतन करने की आदत डालनी चाहिए । अच्छी बातो को सुनने समझने गुनने से मानसिक शारीरिक आद्यात्मिक शक्ति बढ़ती है। मन मस्तिष्क मजबूत ब...
-
यह अनुमान सही नहीं है की जो सुखी और साधन संपन्न होता है , वह प्रसन्न रहता है। और यह भी जरुरी नहीं है की जो प्रसन्न रहता है वही सुखी और साध...
-
हमारे डर के जन्मदाता स्वयं हम है, इसलिए निर्भय होने की सबसे सहेज विधि है खुद को अलग करके तटस्थता से हर परिस्थिति का सामना करना। जीवन में...
No comments:
Post a Comment