Monday 10 July 2017

प्रेम में मुक्ति।

जब आदमी प्यार में डूब जाता है, तो वह स्वयं में ज्ञानी हो जाता है, श्रद्धा उसके भीतर फूट पड़ती है, कर्म उसका औजार बन जाता है और फिर वह ईश्वर के सबसे करीब हो जाता है।

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