- मौन और एकांत आत्मा के सर्वोत्तम मित्र है। मौन के बाहर की दुनिया मन की दुनिया है। संसार में जितने भी तत्व ज्ञानी हुए है , सभी चुप रहने को एक मंत्र की तरह अपनाते है। बुद्ध ने वर्षो तरह तरह के उपाय किये किन्तु सत्य नहीं मिला। अन्ततः वह मौन के सरोवर में डूबे और सत्य का मोती पा लिया। सोमवार को महात्मा गांधी केआश्रम में मौनवार होता था। गाँधी के लिए मौन एक प्रार्थना थी। यह उन तक मानसिक सुख लेकर आता था। मौन की जादुई शक्ति के कारण कई जगह अब सामूहिक मौन के कैम्प लग रहे है।हमे तो अपने अपने तरीके से एकांत में डुबने की कला सीखनी चाहिए। इसकी पहली सीढ़ी यही है की बेवजह प्रतिक्रिया न दे। चुप रहना सीखे। खुद में उतरना सीखे । बोले तभी जब जरुरी हो और बोल ऐसे हो, जिसे सुंदर कहा जाये।
Sunday 30 July 2017
चुप रहने का जादू।
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