Sunday 16 July 2017

जरुरी क्या है।

दिन भर की थकावट फिर भी ख़ास कामो का छूट जाना। हमे सबसे पहले यह तय करना चाहिए की हमारे लिए सबसे जरुरी क्या है?  उसके बिना हम अपना बेहतर नहीं दे सकते । हम क्या क्या करते रहते है? खुद को उलझाये रखते है । बड़ा भारी व्यस्त समझते है। हम ऑफिस में भी उलझे रहते है । घर पर भी कही ऑफिस चल रहा होता है। लेकिन रात में सोते हुए जब सोचते है तो कोई खुशनुमा एहसास नहीं होता । हमे लगता ही नहीं की कोई सार्थक काम किया है। जिंदगी में हमे हर चीज चुननी पड़ती है यह चुनाव ही हमारी क़ामयाबी और नाकामयाबी का सबब बनता है। अक्सर हम चुनने में गच्चा खा जाते है काम करते रहते है लेकिन चुन नहीं पाते है। इसलिए काम करते है , उलझे ज्यादा रहते है । एक किस्म का मशीनी अंदाज हो जाता ही हमारा । यह सही है की हमारे पास तमाम तरह के काम होते है। काम की अपनी अहमियत है।समय की अपनी है। हमे काम और समय दोनों को साधना होता है। दोनों को साधने के लिए चुनाव करना बेहद जरुरी है । बिना चुने हम उनकी साधना कर ही नहीं सकते है। सो , हमे अगर जिंदगी में बेहतर करना है, तो हर काम में पिले नहीं रहना है। हमे अपनी प्राथमिकता तय करनी हैं  अगर हम उसे नही तय करते है। तो जिंदगी खुद हमारे लिए कुछ तय कर देगी। और शायाद वह हमे अच्छा ना लगे।

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