दिन भर की थकावट फिर भी ख़ास कामो का छूट जाना। हमे सबसे पहले यह तय करना चाहिए की हमारे लिए सबसे जरुरी क्या है? उसके बिना हम अपना बेहतर नहीं दे सकते । हम क्या क्या करते रहते है? खुद को उलझाये रखते है । बड़ा भारी व्यस्त समझते है। हम ऑफिस में भी उलझे रहते है । घर पर भी कही ऑफिस चल रहा होता है। लेकिन रात में सोते हुए जब सोचते है तो कोई खुशनुमा एहसास नहीं होता । हमे लगता ही नहीं की कोई सार्थक काम किया है। जिंदगी में हमे हर चीज चुननी पड़ती है यह चुनाव ही हमारी क़ामयाबी और नाकामयाबी का सबब बनता है। अक्सर हम चुनने में गच्चा खा जाते है काम करते रहते है लेकिन चुन नहीं पाते है। इसलिए काम करते है , उलझे ज्यादा रहते है । एक किस्म का मशीनी अंदाज हो जाता ही हमारा । यह सही है की हमारे पास तमाम तरह के काम होते है। काम की अपनी अहमियत है।समय की अपनी है। हमे काम और समय दोनों को साधना होता है। दोनों को साधने के लिए चुनाव करना बेहद जरुरी है । बिना चुने हम उनकी साधना कर ही नहीं सकते है। सो , हमे अगर जिंदगी में बेहतर करना है, तो हर काम में पिले नहीं रहना है। हमे अपनी प्राथमिकता तय करनी हैं अगर हम उसे नही तय करते है। तो जिंदगी खुद हमारे लिए कुछ तय कर देगी। और शायाद वह हमे अच्छा ना लगे।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
हमे हर दिन चिंतन करने की आदत डालनी चाहिए । अच्छी बातो को सुनने समझने गुनने से मानसिक शारीरिक आद्यात्मिक शक्ति बढ़ती है। मन मस्तिष्क मजबूत ब...
-
यह अनुमान सही नहीं है की जो सुखी और साधन संपन्न होता है , वह प्रसन्न रहता है। और यह भी जरुरी नहीं है की जो प्रसन्न रहता है वही सुखी और साध...
-
हमारे डर के जन्मदाता स्वयं हम है, इसलिए निर्भय होने की सबसे सहेज विधि है खुद को अलग करके तटस्थता से हर परिस्थिति का सामना करना। जीवन में...
No comments:
Post a Comment