Friday 20 October 2017

प्यार की पहचान पार्ट-3

  1. प्यार करने वाले के लिए पूरा जीवन सादा और सरल हो जाता है। 
  2. प्यार कोई जरुरी नहीं दोनों तरफ से हो ।
  3. मुझे प्यार हो गया परंतु यह जरुरी नही उसे भी मुझसे प्यार है।
  4. प्यार हो जाने के बाद संसार का मोह छूट जाता है  कुछ भी पाने की इच्छा नहीं रहती है।
  5. प्यार जब केवल एक तरफा हो जाता है तो न जीने का मन करता है और न ही मरने का ।
  6. मै भी चाहता हु की मै जिससे प्यार करता हु उसे भी बता दू बस यही मेरे जीवन की इच्छा है
  7. मैं उससे कैसे और कब बताऊ की मै तुमसे प्यार करता हूं  यदि मैं बता देता हु तो वह क्या महसूस करेगी और क्या वह मुझसे प्यार करेगी या नफरत।
  8.  मई उससे कुछ भी कहने से डरता हु।क्योकि कही वह मुझसे नफ़रत न करने लगे
  9. जब इस संसार में लोगो को पता चलेगा तो क्या लोग सोचेगे 
  10. मन करता है प्यार पर बहुत सारी किताबें लिख डालू
  11. क्या ऐसा प्यार मुझे ही हुआ है किसी और को नहीं।
  12. प्यार कैसे हो जाता है मैं अपने प्यार की कहानी आपको बताना चाहता हु जिससे मैं प्यार करता हु उसमे ख़ास बात क्या है यह तो मै नहीं जानता मुझे क्यों और कैसे प्यार हो गया और कब हो गया यह मै आपको कैसे बताऊ मेरे दिल में प्यार का एहसास है।
  13. क्या किसी के face और eyes को देखकर प्यार हो जाता है
  14. क्या उससे बातचीत के दौरान उससे प्यार हो जाता है बातें करना हँसी मजाक करना प्यार होता है।
  15. मुझे प्यार का एहसास कब हुआ यह मैं आपको बता सकता हु यह एहसास मुझे उसके साथ रहने से नहीं बिछड़ने से हुआ  तब मुझे उसकी छोटी बड़ी हर प्रकार की बातें याद आने लगी तब मै समझ नहीं पा रहा था की क्यों बातें याद आने लगी अब मन करने लगा की मैं उससे बहुत सारी बातें करूँ और वह मेरे सामने रहे और समय वही पर रुक जाये मै उसे देखता रहू पर इन बातों और यादों की वजह से मुझे प्यार का गहरा एहसास और बेचैनी होने लगी। मैं कब उससे मिलूँगा और उससे क्या कहुगा ऐसा मन हो रहा की मै उससे मिलू और मिलकर सब उससे बता दू 
  16. मैंने बहुत इंतजार किया और पढ़ाई जारी रखी लेकिन पढाई में मेरा बहुत मन नहीं लगता था लेकिन मै कोई काम भी करता था तो मन नहीं लगता था उस समय ऐसा लगता था मै उससे बहुत नफरत करूँ क्योकि मुझे ऐसा प्रतीत होता था की मैं बहुत ही मुसीबत में आ गया हु की मेरा मन ही नहीं लगता है किसी काम को करने में  तो अब मै क्या करू सबकुछ बेकार लगने लगा और कुछ भी समझ नहीं आ रहा था  उस समय न ही मरने का मन कर रहा था और न ही जीने का अब मै बहुत ही दुविधा में आ गया।और मैंने यह बात किसी को नहीं बताई और दिन गुजरते चले गए  यदि मैं किताब देखु तो उसका चेहरा नजर आये  इस प्रकार से दिन गुजरते चले गए exam ख़त्म हो गए गर्मियो को holiday आ गयी  अब तो उसकी याद और आने लगी और फिर से जीवन अच्छा नहीं लग रहा था। और एक दिन अचानक वह मेरे सामने आ गयी तो मुझे क्या एहसास हुआ यह केवल मैं ही जान सकता हु लेकिन जब वह मेरे सामने आ गयी तो मुझे उससे बात करने की इच्छा हुई पर मै उससे कुछ कह नहीं पा रहा था उस समय मुझे ऐसा लग रहा था की क्या वह भी मुझसे ऐसे ही प्यार करती है की फिलहाल मै अपनी बहुत सारी बातों को अपने दिल में रखा रहूँ यह मेरे लिए अच्छा है यह मैंने समझा। तब मैंने उससे इस विसय में कोई भी नहीं की। उससे मिलने के बाद मुझे यह एहसास हुआ की काश मै अपने दिल की बात कह देता लेकिन मैंने समझा की क्या वह मेरी बात को किस तरीके से समझेगी  इसलिए मैंने उससे कोई बात नहीं की। मुझे शक ही रहा था की वह भी मुझसे प्यार करती है । पर शायद मेरी तरह मुझसे कह नहीं पा रही थी  लेकिन मैं आजतक नहीं जान पाया हु की वह मुझसे प्यार करती है या नहीं। लेकिन यह जरूर जान गया हु की मै उससे प्यार करता हूँ। 
मेरे अनुसार वह कैसी दिखती है  वह कैसी है  तो मैं बस यह कहुगा की वह दिल की तो बहुत अच्छी है  पर वह बोलती बहुत है शायद मुझे यही बात बहुत अच्छी लगी । ऐसा लगता है वह संसार में सबसे सुन्दर है  और यह बात मैंने सुनी और किताबो में पढ़ी है  है की कोई प्रेम करने वाला अपनी प्रेमिका को सबसे यही कहता है वह मुझे बहुत अच्छी लगती है और ऐसा लगता है की उससे अच्छा कोई नहीं है।