अधूरेपन का सम्मान जरुरी है जिंदगी का पूरा मतलब है अधूरापन। ऐसा कोई नहीं है, जिसे अपना मनचाहा मिल सकता हो। यहाँ तक की बुद्धि से परे पशु पश्चियों को भी वह हासिल नहीं होता , जिसकी खोज में वह होता है। हम लाख योजनाओ की तयारी करे फिर भी विफलता को सार्थक रूप में समझने की तैयारी अधूरी ही है। आपने जो चीज पाई है, उसके प्रति श्रद्धानत हो, तो जीवन की सार्थकता महसूस हो सकती है। अपने पाये खोये का हिसाब करने बैठे तो इस बात पर ध्यान फोकस करे की वह क्या है, जो आपको मिला तो आपकी आँखों में चमक आ जायेगी? पता चलेगा की आपके हिस्से बहुत कुछ है,जो दुसरो के पास नहीं है। हमे खोये को भूलने की कला आनी चाहिए और पाने के प्रति कृतज्ञता की भावना रखनी चाहिए।
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