यदि एक व्यक्ति जरूरतमन्द है और दूसरा व्यक्ति भी जरूरतमन्द है,तो दोनों के बीच क्या रिश्ता होगा? दोनों एक दूसरे का सोशण करने की कोशिश करेगे । उनमे सोषण का रिश्ता होगा, न की प्रेम का , न करुणा का । यह मित्रता नहीं होगी,शत्रुता होगी। बहुत कड़वी लेकिन शक्कर चढ़ी हुई ।और देर सवेर शक्कर उतर ही जाती है। पहले वे अकेलापन महसूस करते थे, अब वे साथ साथ अकेले है, जो और भी आधिक कस्ट देता है। जीने का एक और तल है आप अपने स्वाभाविक अद्वितीय एकांत का अनुभव करे, उसका आनंद ले। अपने आप में मस्त हो।
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