जब तुम प्रेम में होते हो, तुम एकांत महसूस करते हो। एकांत सुंदर है,एकांत आनंद है लेकिन सिर्फ प्रेमी इसे महसूस कर सकते है,क्योकि सिर्फ प्रेम तुम्हे अकेला होने का साहस देता है, सिर्फ प्रेम अकेले होने का सन्दर्भ पैदा करता है। यदि प्रेमी एक दूसरे को स्पेस को अकेला होने की जरुरत को नहीं स्वीकारेगी ,तो प्रेम नष्ट हो जायेगा । एकांत द्वारा प्रेम नई ऊर्जा पाता है। जब तुम अकेले हो तुम उस बिंदु तक उर्जा एकत्र करते हो जहा से प्रवाहित हो जाये, अकेले में तुम उर्जा जमा करते हो , ऊर्जा जीवन है उर्जा आनंद है ऊर्जा प्रेम है ऊर्जा नृत्य है और ऊर्जा उत्सव है।
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