सौ बार भी हार मिले अगली बार फिर उठेगे । इस उम्मीद से की जीत अवश्य होगी। यह उनके जीवन का मूलमंत्र है। वे एक सफल आदमी है जिनके लिए उम्मीद करना और उम्मीद रखना दोनों महत्वपूर्ण है। दरअसल खुद से उम्मीद रखना और दुसरो की उम्मीदों पर खरा उतरना जीवन का धेय होना चाहिए अगर उम्मीद से परे हटकर आप न्यूट्रल गेयर में जीवन गुजार रहे हो तो तय है की आप अपने काम को चलताऊ तरीके से ही करेगे। हर व्यक्ति तीन चीजो की उम्मीद जरूर लगाये रखता है -प्रीतम का सहचर्य , अतुल सम्पति और अमरता ।जहा जिंदगी है वहाँ उम्मीद है और अगर आप उम्मीद नहीं रखते हो तो इस जीवन का क्या अर्थ ? विचार से अधिक विश्वास की शक्ति है, और जिस चीज का हमे विश्वास हो,उसकी हम उम्मीद करते है । ना उम्मीदी सबसे पहले साहस और सामर्थ्य कम करती है और फिर हमारा व्यक्तित्व सन्देहसील और आसंकित बना डालती है। उम्मीद और सपने उसे वह सब देते है है जिसके लिए वह दुनिया में आया। लेकिन कोरी उम्मीद से बात नहीं बनती । सवाल यह है की आपका जीवन उस मानसिक साँचे में ढाल रहा है या नहीं, जिसकी आप उम्मीद कर रहे है?आप हाथ पर हाथ धरे बैठे तो नहीं है?
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