Saturday 8 July 2017

हंसना ही नहीं रोना भी।

हम करुणा से भरकर जब रोते है तो हमारे अंदर एक अजीब सी हलचल होती है जिससे दिल अधिक संतुलित हो जाता है। रोने से अंदर का तनाव और दूसरी समस्याये काफी कम हो जाती है इससे मन हल्का हो जाता हैं।

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