बॉस ने उनसे कई बार यह सवाल पूछा की कैसे हम कंपनी का आउटपुट बढ़ाये ,उसके उत्पाद में वृद्धि लाये। एक दिन उन्होंने सोचा की कभी हम अपना आउटपुट बढ़ाने के बारे में तो सोचते ही नहीं है। जो यह सोचते है वे निश्चित तौर पर आगे रहते है उनका दिमाग समृद्ध होता है।आप हमेशा साबित कर सकते है की आपकी क्षमता उतनी है, जितनी क्षमता का विश्वास आपके मन में है।आप उतना ही काम कर सकते है जितना ठान सके । जो नए काम को यह कहकर नहीं स्वीकारते की उनके पास पहले से ही काफी काम है वे हमेशा पीछे रहते है। किसी के पास काम ज़्यादा नहीं होता। होता है तो अपनी क्षमता के सही आकलन का अभाव । कोई भी नया प्रोजेक्ट किसी को सौपने से पहले वह गौर करते है की किसके पास काम की कमी नहीं है, वही ठीक से नया काम ले पाते है। वे काम आगे बढकर लेते ही नहीं, बल्कि उसे समय पर भी पूरा करते है। काम का रोना नहीं रोने वाले ऐसे लोग होते है जिन्हें अपनी क्षमता पर यकीन होता है। वे सीधी सोच वाले नहीं होते। उनकी सोच out of box होती है। वे काम धडाल्ले से करते है और ज्यादा भी। उनके काम में परफेक्शन भी होता है।
Friday 4 August 2017
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