Sunday 6 August 2017

दो भाइयों की बोधकथा।

इस कहानी से हम सबको जो education मिलती है,उस education को कोई न ग्रहण करे, तभी अच्छा है अब start करते है वह कहानी-दो भाई थे  सुबुद्धि और कुबुद्धि । सुबुद्धि शरीफ था पढ़ लिखकर ठीकठाक नौकरी कर रहा था। कुबुद्धि का पढ़ने लिखने में कोई ध्यान नहीं था, वह गुंडों बदमाशों के साथ रहता था,यदा कदा शराब भी पी लेता था। एक रात कुबुद्धि अपने दोस्तों के साथ शराब पी कर लौट रहा था तभी एक लड़की कही से लौट रही थी। कुबुद्धि ने उस पर कुछ comment कर दिया। लड़की ने जवाब में डाट दिया । कुबुद्धि को गुस्सा आया। सुनसान इलाका था। कुबुद्धि ने उसके साथ बलात्कार कर दिया उसे लग रहा था की लड़की इसकी शिकायत नहीं करेगी। पर लड़की ने थाने में शिकायत कर दी। कुबुद्धि गिरफ्तार हो गया। कुबुद्धि के पिता ने पहले तो उसे खूब गालिया दी,फिर उसे बचाने के रास्ते खोजने लगे। उसकी माँ ने कहा-वह लड़की ही बदचलन है । रात में क्यों घूम रही थी। मेरे बेटे को गलत फसाया गया है। जाति के नेता लोग इकठ्ठा हो गए उन्होंने कहा-लड़के है गलती हो ही जाती है अब इस गलती के लिए क्या लड़के की जिंदगी बर्बाद होने दे। उन्होंने लड़की के पिता पर दबाव डाला की तुम्हारी लड़की की जिंदगी तो बर्बाद हो ही गई अब लड़का क्यों बर्बाद हो ? पुलिस वालो की मदद से पैसा वैसा लेकर matter ख़त्म कर दिया। सुबुद्धि ऐसा नहीं था उसे एक लड़की से सच में प्रेम हो गया और उसने उससे शादी करने की ठान ली। लड़की सुंदर थी पढ़ी लिखी भी ,लेकिन दूसरी जाति की थी। । माता पिता ने कहा -लड़के ने नाक कटा दी,बिरादरी में हमारी इज़्ज़त क्या रहेगी? माता पिता ने सुबुद्धि और उसकी प्रेमिका की हत्या कर दी।

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