Wednesday 27 September 2017

प्यार की पहचान

वो लम्हे ये दूरी तेरे बिन सही न जाये,तेरी याद में ये जीवन भी रास न आये,न ही भूख लगे और न ही नींद आये ,बस एक तू ही तो है जिससे मेरी जिंदगी गुजर जाये । जीवन तो एक संघर्ष है प्यार बिना जिया भी न जाये । आज मैं भ्रमित हु की प्यार हो तो अच्छा न हो तो अच्छा कुछ भी मेरी समझ में न आये। दिल भी क्या चीज है कुछ शब्दों में कहा भी न जाये प्यार के कितने रूप यह समझ में न आये । दिल की बातो को मुख से कहा भी न जाये किस तरह प्यार का इजहार करू कुछ भी समझ में न आये। मेरे दिल में क्या है कुछ भी जुबा पर ना आये दिल में एक बैचैनी होती है
 किस तरह कहू की समझ न आये । प्यार वास्तव में क्या चीज है कुछ भी समझ में न आये। थोडा थोडा समझ रहा हु फिर भी समझ न पाऊ हर दिन हर पल तेरी याद आती है कैसे यह बता पाऊ। यह जीवन भी अब अच्छा न लगे कैसे मै तुझे समझा पाऊ।प्यार में जीवन न जिया जाये  न ही  मरा जाये कुछ भी समझ में न आये। प्यार एक ऐसा एहसास है जिसमे खट्टा मीठा कडुआ भी एहसास हो जाये  जिसने प्यार नहीं किया वह इसको कभी समझ न पाये ।
याद कितनी आये जुबा से कुछ भी कहा न जाये दिल क्या चीज है कुछ भी समझ न आये। प्यार के विष्ाय में कुछ कहा जाए बहुत कम है प्यार एक मीठा एहसास है  जो धीरे धीरे सताता है  प्यार में भूख तो लगती है पर खाने का मन नहीं करता है जिस तरह आँखों में नींद आती है पर आंखे बंद करने का मन नहीं करता है  प्यार में पागल हो जाने को जी चाहता है पर पागल होने से डर लगता है जी चाहता है प्यार में पूरी तरह डूब जाऊ पर डूबने से डर लगता है  प्यार को किस तरह परिभाषित करू  कुछ भी समझ न आये।

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