Friday 15 September 2017

सकारात्मक सोच

  • सकारात्मक दृष्टी महापुरुषों के इस कथन में शत् प्रतिशत सच्चाई है की श्री राम का नाम संकट से मुक्ति दिलाता है जो इस कथन को सकारत्मक दृष्टी से लेता है वह तो इस कथन पर मोहर लगाता है लेकिन नकारत्मक जीवन जीने वाले लोग इसका उपहास उड़ाते है । सकारात्मक ढंग से इसको लेने वाले राम नाम जपने के पहले राम के गुणो और आदर्शो को अपने जीवन में अपनाते है ।Motion of life राम के आदर्शो को अपनाने वाले सदाचार ,सत्यता और मानवीय मूल्यों के साथ कार्य करते है और उन्हें सफलता मिलती है। ऐसे लोग गलत कार्यो के बल पर धन ,पद, वैभव पाने की कोशिश में नहीं पड़ते है।  वे यह जानते है  की जो काम उन्हें ख़राब लगता है । वह दुसरो को भी ख़राब लगेगा । यानि श्री राम सिर्फ नाम ही नहीं , बल्कि modern  science की दृष्टी से एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसे यदि कोई भी व्यक्ति अपने मन और मस्तिष्क में लोड कर लेता है तो जिंदगी की दिनचर्या पर तद् अनुसार प्रिंट आउट यानि परिणाम दिखाई पड़ेगा। 
  • जब लंका पर चढ़ाई के लिए भगवान् श्री राम की सेना पुल बनाने लगी और नल नील के हाथ राम नाम अंकित पत्थर तैरने लगे तो लंका की सेना में खलबली मच गई । अपनी सेना का मनोबल गिरने न पाये इसलिए रावण ने सेना अध्य्क्ष से कहा था इतनी छोटी सी बात से आप डर गए। यह तो बचपन में खेल खेल में अपने नाम का पत्थर डालता था तो वह भी तैरता था । यकीन न हो तो चलो मैं ऐसा करता हु । उसने रावण नाम का पत्थर डाला तो वह भी तैरने लगा। जब यह जानकारी मंदोदरी को हुई तो वह पूछ बैठी - स्वामी यह कैसे हुआ ? रावण ने जवाब दिया - मंदोदरी ,श्री राम की ताकत से हुआ। रावण को मालूम था की डूबने से बचना है तो श्री राम का नाम ही एक सहारा है । modern science की दृष्टी से राम सिर्फ नाम नहीं , बल्कि रचनात्मकता जीवनशैली का एक तरीका है। यही स्थिति बाली और सुग्रीव के युद्ध में देखि गई । जब सुग्रीव बाली से पराजित होकर श्री राम के पास लौटे तब पेड़ की आड़ में खड़े श्री राम ने सुग्रीव के गले में माला डाल दिया जो एक ऐसा प्रभावी यंत्र था की बाली पराजित हुआ। इसलिए जिंदगी में सुख , शांति ,समृद्धि के लिए राम जपने के साथ राम के चरित्र का जहा तक संभव हो सके अनुसरण करे। जय श्री राम। 

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